10.2.19

अब कोई गुलशन ना उजड़े - साहिर लुधियानवी







अब कोई गुलशन ना उजड़े अब वतन आज़ाद है
रूह गंगा की हिमालय का बदन आज़ाद है

खेतियाँ सोना उगाएँ, वादियाँ मोती लुटाएँ
आज गौतम की ज़मीं, तुलसी का बन आज़ाद है

मंदिरों में शंख बाजे, मस्जिदों में हो अज़ाँ
शेख का धर्म और दीन-ए-बरहमन आज़ाद है

लूट कैसी भी हो अब इस देश में रहने न पाए

आज सबके वास्ते धरती का धन आज़ाद है

यूट्यूब विडिओ की प्लेलिस्ट -


*भजन, कथा ,कीर्तन के विडिओ

*मंदिरों की बेहतरी हेतु डॉ आलोक का समर्पण भाग 1:-दूधाखेडी गांगासा,रामदेव निपानिया,कालेश्वर बनजारी,पंचमुखी व नवदुर्गा चंद्वासा ,भेरूजी हतई,खंडेराव आगर

*जाति इतिहास : Dr.Aalok भाग २ :-कायस्थ ,खत्री ,रेबारी ,इदरीसी,गायरी,नाई,जैन ,बागरी ,आदिवासी ,भूमिहार

*मनोरंजन ,कॉमेडी के विडिओ की प्ले लिस्ट

*जाति इतिहास:Dr.Aalok: part 5:-जाट,सुतार ,कुम्हार,कोली ,नोनिया,गुर्जर,भील,बेलदार

*जाति इतिहास:Dr.Aalok भाग 4 :-सौंधीया राजपूत ,सुनार ,माली ,ढोली, दर्जी ,पाटीदार ,लोहार,मोची,कुरेशी

*मुक्ति धाम अंत्येष्टि स्थलों की बेहतरी हेतु डॉ.आलोक का समर्पण ,खण्ड १ :-सीतामऊ,नाहर गढ़,डग,मिश्रोली ,मल्हार गढ़ ,नारायण गढ़

*डॉ . आलोक का काव्यालोक

*दर्जी समाज के आदि पुरुष  संत दामोदर जी महाराज की जीवनी 

*मुक्ति धाम अंत्येष्टि स्थलों की बेहतरी हेतु डॉ .आलोक का समर्पण भाग 1 :-मंदसौर ,शामगढ़,सितामऊ ,संजीत आदि